Its been long since I wrote this, arguably one of my favorite post.
More so because it is in Hindi.
Had written it some time back but thanks to Windows periodic ( moody ) start ups lost it.
Just hope that Gulzar ji could read these lines... :)
गंदे मट्टी से सने हाथों से,अलूफ़,हलके से मुस्कुराते हुए,
घरोंदे बनता,तोड़ता,खुश होता,खिलखिलाता,मेरा बचपन,
उस सफ़ेद क्नेकर पर,उस धुली कमीज़ पर,छोटे काले भूरे बादल से,
मट्टी को अपना दोस्त बनता,बेसुध,अचिंतित,वो पगला,मेरा बचपन.
मानो इंतज़ार सा करता,माँ के आने का,उस मीठी झिडकी के साथ,
ऊपर से डांटते हुए,पर मन ही मन,ढूँढती,कोई चोट का निशान,काँटा,कीड़ा,
और वो बावला,हाथ पैर पटकता,ना ना चिल्लाता,बस थोड़ी देर और की गुहार लगाता,
बनाने की कोशिश करता उसे,जो कल बिखर जायेगा, बेपरवाह,छोटू,गोलू मोलू सा मेरा बचपन.
पर आज उसे मैंने बंद कर दिया,सफ़ेद अच्छे कपड़ो में,कस के बांधे हुए जूतों में,
दूर से ही रोक लिया,सौंधी मट्टी की खुशबू से, और शायद माँ की गोद से,
पर पता नहीं क्यों,यह तो नहीं चाहता था ना मैं,फिर क्यों?बंधा,पकड़ा,जकड़ा उसे?
शायद मैं बड़ा हो गया,पर अभी भी,बेसुध,अचिंतित,बेपरवाह,छोटू,गोलू मोलू है वो मासूम....मेरा बचपन...
More so because it is in Hindi.
Had written it some time back but thanks to Windows periodic ( moody ) start ups lost it.
Just hope that Gulzar ji could read these lines... :)
गंदे मट्टी से सने हाथों से,अलूफ़,हलके से मुस्कुराते हुए,
घरोंदे बनता,तोड़ता,खुश होता,खिलखिलाता,मेरा बचपन,
उस सफ़ेद क्नेकर पर,उस धुली कमीज़ पर,छोटे काले भूरे बादल से,
मट्टी को अपना दोस्त बनता,बेसुध,अचिंतित,वो पगला,मेरा बचपन.
मानो इंतज़ार सा करता,माँ के आने का,उस मीठी झिडकी के साथ,
ऊपर से डांटते हुए,पर मन ही मन,ढूँढती,कोई चोट का निशान,काँटा,कीड़ा,
और वो बावला,हाथ पैर पटकता,ना ना चिल्लाता,बस थोड़ी देर और की गुहार लगाता,
बनाने की कोशिश करता उसे,जो कल बिखर जायेगा, बेपरवाह,छोटू,गोलू मोलू सा मेरा बचपन.
पर आज उसे मैंने बंद कर दिया,सफ़ेद अच्छे कपड़ो में,कस के बांधे हुए जूतों में,
दूर से ही रोक लिया,सौंधी मट्टी की खुशबू से, और शायद माँ की गोद से,
पर पता नहीं क्यों,यह तो नहीं चाहता था ना मैं,फिर क्यों?बंधा,पकड़ा,जकड़ा उसे?
शायद मैं बड़ा हो गया,पर अभी भी,बेसुध,अचिंतित,बेपरवाह,छोटू,गोलू मोलू है वो मासूम....मेरा बचपन...
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