थल्ली पे बैठा हुआ,टाँगे हिलाता,मुस्कुराता पगला,
वोह खट्टी टोफ्फी गंदे तरीके से खता हुआ,नाक पोंछता ,
वहां पीछे दुनिया,चिल्ला रही है,बूढी खूसट,खांसती हुई,
सुना अनसुना करके खुश है पगला,अनंत को घूरता,टंगे हिलाता थल्ली पे...
वोह खट्टी टोफ्फी गंदे तरीके से खता हुआ,नाक पोंछता ,
वहां पीछे दुनिया,चिल्ला रही है,बूढी खूसट,खांसती हुई,
सुना अनसुना करके खुश है पगला,अनंत को घूरता,टंगे हिलाता थल्ली पे...
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